shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview
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श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण here मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥